14 दिन में तेल के थोक भाव 8 रु.किलो गिरकर 112 पर आए
नई फसल से राहत- तुवर दाल को छोड़कर शेष में स्थिरता
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झाबुआ गेहू,सरसो, चना सहित अन्य नई फसल पकने के साथ मंडी में आना शुरू हो गई है। इससे किचन में भी राहत है,तेल से लेकर आटा तक के भावों में लगातार गिरावट जारी है। दाल,चावल व शकर के भाव मामूली उतार-चढ़ाव के साथ स्थिरता लिए होकर काबू में होने से घर खर्च में राहत है। मार्च माह की बात करें तो सोयाबीन तेल 8 रुपए प्रतिकिलो थोकभाव में गिरावट के साथ 112 रुपए पर आ गया है, जबकि आटा 2 रुपए की गिरावट के साथ 30 रुपए प्रतिकिलो हो गया। यही आटा जनवरी में 37 रुपए प्रति किलो तक पहुंचने के बाद फरवरी के दूसरे सप्ताह में 32 रुपए किलो पर आ गया था।
तेल के भाव में गिरावट रहेगी………………….
व्यापारियों के अनुसार अब आटे से ज्यादा सोयाबीन तेल के भाव में गिरावट रहेगी। किचन में सबसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले आटे व तेल के भाव आसमान छू रहे थे। शकर व दाल के भाव भी कम नहीं थे। गेहूं की मांग ज्यादा और आपूर्ति नहीं होने से गेहूं मंडी में ही 3190 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक गया। ऐसे में आटे के भाव भी आसमान छूने लगे और शहर में 37 रुपए किलो तक बिका,जबकि बड़ी कंपनियों के आटा भाव 40 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए थे। सोयाबीन तेल के भाव जनवरी में 130 रुपए किलो तक पहुंचे थे। फरवरी के दूसरे सप्ताह से दोनों के भाव काबू में आने लगे और आटा 32 रुपए किलो पर आकर स्थिर हो गया। जबकि तेल के भाव में उतार-चढ़ाव जारी रहा और128 से 135 रुपए प्रतिकिलो थोक में
बिका। मार्च माह के प्रारंभ से ही आटा व तेल के भाव में कमी आने लगी। 1 मार्च को सोयाबीन तेल 120 रुपए किलो तो था जो मंगलवार को रिकॉर्ड गिरावट के साथ 112 रुपए किलो पर आ गया है। वहीं आटा 32 रुपए से धीरे-धीरे लुढ़ककर 30 रुपए किलो बिक रहा है।
दाल-शक्कर के भाव ………….
तुवर दाल 110 से 118 रुपए,चना दाल 60 से 61 रुपए,मूंग छिलका 85 से 90 रुपए,मूंग मोगर 90 से 95 रुपए,उड़द दाल 95 से 100 रुपए,मसूर दाल 65 से 70 रुपए प्रति किलो है। जबकि शकर 36 से 37 रुपए किलो बिक रही है।
गिरावट का दौर जारी है जो आगे भी रहेगा………………………….
रबी फसल उम्मीद से अच्छी होने और उपज मंडी में आने के बाद भाव काबू में रहने से किराना बाजार में भाव काबू में हैं। सोयाबीन तेल में माह के प्रारंभ से ही गिरावट का दौर जारी है जो आगे भी रहेगा। थोक में 100 रुपए किलो या इससे कम भाव होने की संभावना है। दूसरी तरफ आटे के भाव में भी गिरावट रहेगी। तुवर को छोड़कर सभी दालों के भाव स्थिरता लिए हैं। यही स्थिति शकर व चावल की है।
संजय जैन