वाह नगर परिषद अब नगर का कचरा फिल्टर प्लांट व ईसाईयों के कब्रिस्तान के पास फैंकने लगे
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नगर में बीमारियों को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होगी नगर परिषद
नगर का कचरा निपटान की समस्या नगर परिषद के लिए जी का जंजाल बनी हुई है। पेटलावद रोड़ पर नगर से तीन किमी दूर नवोदय विद्यालय के समीप बने ट्रेचिंग ग्राउंड की अव्यवस्थाओं ने निकट आवासीय विद्यार्थियों को बीमार करना शुरू कर दिया था वही वहाँ रह रहे ग्रामीणों को भी अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया था नतीजन ग्रामीणों ने कचरें के ढेर में आग लगाकर चक्काजाम करने का कठोर निर्णय ले लिया था जिसके चलते नगर परिषद ने वहाँ कचरा डालना बन्द कर नगर में दिए जाने वालें पानी के स्टोरेज टँकी व फिल्टर प्लांट के पास इस कचरे को डालने का निर्णय लेकर अपनी दिवालिया बुद्धि का परिचय दिया। जानकारों की व प्रबुद्धजीवी की मानें तो यहाँ ट्रेचिंग ग्राउंड की तरह ही अपशिष्ट पदार्थों की दुर्गंध व उससे उत्पन्न जीव-जंतु, भिनभिनाती मख्खियों के साथ ही हवा से कचरों के स्टोरेज पानी व फिल्टर प्लांट में जाने से नगर में महामारी फैलनें के खतरा बढ़ गया है वही इसके निकट रहने वालें लोगों के लिए भी मुसीबत बन गया है। इधर इतनी बड़ी नगर परिषद में नाम मात्र के प्रभारी सीएमओ के पास थांदला के अलावा मेघनगर का अतिरिक्त प्रभार है जिसके कारण वे यहाँ दो से तीन दिन ही उपलब्ध रहते है। वही नवीन नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व पार्षदों में आपसी तालमेल का आभाव होने से अभी तक नगर विकास की कोई योजना न बन पाने की वजह से भी इसका खामियाजा नगर की जनता को भुगतना पड़ रहा है। हिन्दू धर्म हो या अन्य कोई धर्म नगर परिषद सभी की भावनाओं से खिलवाड़ करने पर तुली हुई है। राम भरोसे चलने वाली परिषद में वैकल्पिक ट्रेचिंग ग्राउंड से उत्पन्न होने वाली अन्य समस्याओं का कोई जवाब नही है तब तक नगर की जनता सावधान रहे व नगर में सप्लाय होने वाला प्रदूषित पानी उपयोग में लाने से पहले स्वास्थ्य के बारें में स्वयं 100 दफा सोंचें क्योंकि यह उम्मीद वर्तमान परिषद से करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा या यूं कहें भैंस के आगे बिन बजाने जैसा है।
पवन नाहर थांदला