पास्का समारोह के साथ प्रभु येसु के बारे में बाईबिल में लिखी गई भविष्यवाणी पुर्ण होती है
1 min readझाबुआ:: प्रभु येसु ने येरूसालेम के रास्ते में अपने शिष्यों से कहा था, देखों हम येरूसालेम जा रहे है। मानव पुत्र महायाजकों और शास्त्रियों के हवाले कर दिया जायेगा। वे उसे प्राण दंड की आाज्ञा नुसा कर गैर यूहुदियों के हवाले कर देंगे। जिससे वे उसका उपहास करें, उसे कोडे लगायें और कु्रस पर चढायें, लेकिन तीसरे दिन वह जी उठेगा।
पास्का महोत्सव येसु मसीह के मुक्तिप्रद मरण और गौरवमय पुनरूत्थान की पुण्य यादगार है। पास्का रविवाद को प्रभु येसु कब्र में से जीवित होते है। उनके जी उठने की यादगाद में ईसाई समाज शनिवार रात्रिको पास्का जागरण करते है तथा परम्परागत धर्म विधी में भाग लेते है।
पास्का जागरण की धर्म विधी अनुष्ठान बिशप पीटर खराडी ने किया। इस धर्म विधी में नई आग की आशीष की जाती है। जिससे ईश्वर ने अपनेी उपस्थिति का प्रतिक बनाया। इसके बाद पास्का मोमबत्ती की आशीष की जाती है। पास्का मोमबत्ती येसु के पुनरूत्थान का प्रतिक है। इस दिन पास्का मोमबत्ती पर बने कु्रस पर युनानी वर्णमाला का प्रथम एवं अंतिम अक्षर अल्फा व ओमेगा तथा वर्तमान वर्ष की संख्या 2024 को चिन्हित किया जाता है। जिसका अर्थ है- येसु ख्रीस्त जैसे कल थे, वैसे आज हैं, सबका आदि और अंत, अल्फा और ओमेगा उनके अधिकार में है, काल और युग चक्र उन्की की महिमा और सत्ता युगानयुग बनी रहे।
इसके बाद सभी समाजजन बिशप और पुरोहितों के साथ पास्का मोमबत्ती को उपर उठाकर तीन बार यह कहते हुए , ख्रीस्त की ज्योति, और चर्च में प्रवेश करते है। जहां से ज्योति का गुणगान किया जाता है। फादर जॉनसन ने ज्योति का गुणगान किया यह वही रात है जब येसु मृतकों मेसे जी उठे । यह पवित्र रात बुराई को भगा देती है और पापों को धो डालती है। यह बैर को दुर करती, मेल मिलाप कराती…!
ठसके बाद बाईबिल के पुराने व्यवस्थान से सात पाठ, नए व्यवस्थान से एक और सुसमाचार की घोषणा की गई। इन पाठों के द्वारा सृष्टि की रचना से मुक्ति की ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन पढकर सुनाया जाता है। ये याद दिलाते है कि ईश्वर ने किस भाति नियत समय पर अपनी प्रजा इस्राएल का उद्धार किया और अंत में स्वयं अपने पुत्र येसु को हमारी मुक्ति के लिए भेजा।
बाईबिल पाठ के बाद बिशप पीटर खराडी ने उपदेश दिया। सबसे पहले उन्हाने यह जयघोष किया, प्रभु सचमुच जी उठे है, आल्लेलूया, उन्हानेे अपने उपदेश में यह कहा कि यह एक आनंद भरी रात है क्योंकि इसी रात को हमारे प्रभु ईसा मसीह मृतकों मेसे जी उठे। प्रभु येसु का पुनरूत्थान हमें याद दिलाता है कि जीवत तो कब्र के बाद भी हैं हालांकि हमारा शरीर तो नष्ट हो जायेगा परंतु आत्मा अनन्त है। इसलिए हमें चिंतन करना चाहिये कि हमारे जीवन का लक्ष्य क्या है। उन्हाने कहा कि मानव जीवन में लालच और स्वार्थ ने मनुष्य को सही लक्ष्य को भंग कर दिया है, इसलिए येसु ने ईश्वर के प्रेम और पडोसी के प्रेम को जीवन का लक्ष्य बताया है। इसा ने कहा इससे बडा प्रेम और किसी का नही कि कोई अपने मित्रों के लिए प्राण अर्पित करे। अपने प्राण आहुती के द्वारा येसु ने प्रेम प्रकट किया और अपने पुनरूत्थान द्वारा हमारे जीवन को पुर्ण बनाया। उन्होने कहा कि कौन दुसरों के लिए अपने प्राण दे सकता है? ईसा मसीह कर सकते थे क्योकि वे ईश पुत्र थे। उन्हाने समाजजन से आव्हान किया कि हमें आशामय यात्रि की तरह जीवन यात्रा को आगे बढाना है। जैसे इस्रायल की प्रजा ने किया था।
हमें अपने पुनरूत्थान की आशा बनाये रखते हुए क्षमा करने और दया, भलाई के कार्यो पर बल देना होगा। सत्य की राह पर चलते हुए येसु के जीवित होने का प्रमाण देना होगा। इन सभी बातों में हमारे लिए पास्का का आनंद है।
उपदेश के बाद बिशप ने लोगों से अपने बपतिस्मा की प्रतिज्ञा दोहराने का आव्हान किया। उन्होने समाजजन को शैतानी कार्यो को त्याने की प्रतिज्ञा करवायी और अपने सृष्टिकर्ता ईश्वर, येसु ख्रीस्त, पवित्र आत्मा पर, पिवत्र काथलिक कलीसिया पर धर्मियों के संबंध पापों की क्षमा, शरीर के पुनरूत्थान औन अनंत जीवन पर विश्वास करने की प्रतिज्ञा दिलवाई। इसके बाद यूख्रीस्तीय समारोह मनाया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में समस्त सिस्टर्स, फादर्स, पल्ली परिषद के सदस्य, युवा संघ, माता समिति आदि का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर सुमधुर भजनों की प्रस्तुति आनंद खडिया, बेंजामिन निनामा, लेवनार्ड वसुनिया, जेरोम वाखला, बंटी सिंगार व उनकी टिम का रहा। कार्यक्रम का संचालन पल्ली परिषद सचिव प्रकाश वसुनिया द्वारा किया गया अंत में आभार फादर प्रताप बारिया द्वारा माना गया। उक्त जानकारी झाबुआ पल्ली पीआरओ वैभव खराडी ने दी।