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जिला चिकित्सालय में छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर हुए खत्म.. मरीज और उसके परिवारजन हुए परेशान…. जिम्मेदारों का गैर जिम्मेदाराना जवाब…..

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झाबुआ – जिला चिकित्सालय झाबुआ यूं तो आईएसओ सर्टिफाइड है । लेकिन फिर भी इस चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का अंबार है हाल ही में जिला चिकित्सालय में छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने पर मरीज और उसके परिवारजन छोटे  ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकते रहे और परेशान होते रहे । लेकिन कोई हल नहीं निकला । वही जिम्मेदारों द्वारा गैर जिम्मेदाराना जवाब देकर इतिश्री की गई है ।

झाबुआ जिला चिकित्सालय में आईएसओ सर्टिफाइड होने के बाद भी कई तरह की अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही है कई बार समय पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं हो रहे हैं तो कई बार देखने मे आया है की दवाई उपलब्ध नहीं है । हाल ही में जिला चिकित्सालय के आईसीयु सेंटर में मरीज को भर्ती कराया गया और छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी देखने को मिली ।  जानकारी अनुसार शहर के रामकृष्ण नगर निवासी महेश महेश्वरी की शुक्रवार शाम को स्वास्थ्य संबंधी समस्या आने पर जिला चिकित्सालय  के आईसीयू सेंटर में भर्ती कराया गया । महेश को श्वास लेने में काफी दिक्कत आ रही थी वहीं बीपी और शुगर भी अधिक थी । स्वास्थ्य में सुधार न होने के कारण डॉक्टर द्बारा दाहोद रेफर किया गया । तब आईसीयू सेंटर से नीचे एंबुलेंस तक जाने के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता हुई । वही जिला चिकित्सालय में छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुके थे वहीं मरीज को श्वास लेने में काफी दिक्कत आ रही थी । यूं तो जिला चिकित्सालय में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन सिस्टम है । लेकिन फिर भी मरीज की कंडीशन क्रिटिकल होने पर कई बार छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता , मरीज को आईसीयू या वार्ड से नीचे एंबुलेंस तक ले जाने में लगती है । चूंकि महेश को लगातार श्वास लेने में दिक्कत आ रही थी । तो ड्यूटी पर उपस्थित डॉक्टर द्वारा उन्हें छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर के माध्यम से नीचे एंबुलेंस तक ले जाने की बात कही । लेकिन जिला चिकित्सालय में छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुके थे कहीं किसी प्रकार भी व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीज और उसके परिवार जन परेशान होते रहे और कहीं भी व्यवस्था नहीं होने के कारण  मरीज के परिवार जन द्वारा निजी तौर पर ऑक्सीजन सिलेंडर को व्यवस्था की गई । तब कहीं जाकर मरीज को आईसीयू से नीचे एंबुलेंस तक पहुंचाया गया । खैर यह तो निजी तौर पर व्यवस्था होने पर मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध हो गया । लेकिन ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले ग्रामीण जनों की स्थिति यदि विकट होती है और ऐसी स्थिति में यदि छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होते हैं और मरीज की स्थिति नाजुक होती है तब उसे स्थिति में क्या होगा …….यह विचारणीय है । जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से मोबाइल पर छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं होने की बात बताई गई , तब उन्होंने कहा कि आईसीयू से मरीज को  बिना ऑक्सीजन सिलेंडर के नीचे तक ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी । तथा उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए सिविल सर्जन से संपर्क करें । इस तरह जिम्मेदारों द्वारा गैर जिम्मेदाराना जवाब देकर इतिश्री की गई । खैर परिवारजन सक्षम थे तब उन्होंने निजी तौर पर छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा लिया । जिला चिकित्सालय के इस गैर जिम्मेदार रवैया को लेकर मरीज और परिवारजन में काफी आक्रोश था और सरकार के कार्य प्रणाली को लेकर भी । क्या शासन प्रशासन इस ओर ध्यान देकर जिला चिकित्सालय में छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को लेकर,  कोई आदेश देगा या फिर समस्या आने मरीज और परिवार जन  छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए भटकते रहेंगे ।

आईसीयू से नीचे तक या एंबुलेंस तक बिना आक्सीजन सिलेंडर के भी मरीज को कोई दिक्कत नहीं होगी ।

भारतसिंह बघेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी झाबुआ ।

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