रमजान का माहे मुबारक महीना चांद देखते ही मस्जिदों में विशेष नमाज अदा की गई।
1 min readझाबुआ 11मार्च 2024 जैसे ही सूर्य अस्त हुआ और चांद नजर आया मुस्लिम समाज में खुशियां मानने लगे और इसी के साथ ही माहे रमजान का मुबारक महीना का आगाज हुआ जिसमें विशेष रूप से ईशा की नमाज के बाद तरावी की नमाज अदा की गई जिसमे मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा रात में शहरी कर दिन में रोजा रख कर अल्लाह की इबादत में जोश और शौक से 30 दिनों तक या जब तक चांद नजर ना आए रोजे रख कर इबादत में रहते हैं इस महीने की बहुत विशेषताएं हैं इसमें पांच वक्त की नमाज के अलावा तरावीह की नमाज भी पढ़ाई जाती है जिसमें कुरान शरीफ की तिलावत होती है रमजान माह के चांद दिखते ही वह नमाज का आगाज होता है और इसी माह में आखरी अरसे में जागने की ताक पांच रातें होती है जिसमें मुस्लिम समाज विशेष दिन के अलावा रातों में भी अल्लाह की इबादत करते हैं यानी कि रमजान का माह में नेकियो की बरसात होती है एक नमाज पढ़ो तो 70 नमाज का सवाब मिलता है बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग रोजा रख कर इस माह में अल्लाह की इबादत में लीन रहते हैं,29 ,या 30 दिनों तक या चांद नजर ना आए तब तक रोजा रखते हैं और जब चांद नजर आता है तब ईद का त्यौहार मनाते हैं।