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न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल झाबुआ में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन।

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झाबुआ:-प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झाबुआ विधि सक्सेना के निर्देशानुसार आज दिनांक 19 जनवरी-2024 को न्यू कैथोलिक मिशन स्कूल झाबुआ में द्वितीय जिला न्यायाधीश सुभाष सुनहरे की अध्यक्षता एवं जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल तथा अधिवक्ता विश्वास शाह, जूनियर सिस्टम एनालिस्ट मुकेश चैहान की उपस्थिति में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत निम्न विषयों पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में द्वितीय जिला न्यायाधीश सुभाष सुनहरे अपने संबोधन में स्कूली बच्चों को पाॅस्को एक्ट एवं गुड टच बेड टच के बारे में बताते हुये कहा कि पॉक्सो एक्ट यानी लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम यह एक भारतीय कानून है जो बच्चों के यौन शोषण को रोकने और उनका बचाव करने के लिए बनाया गया है। सुनहरे ने कहा कि पॉक्सो एक्ट एक कानून है जो बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए बनाया गया है। यह कानून बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि आप या आपके आसपास कोई बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है, तो कृपया तुरंत पुलिस या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संपर्क करें। उन्होंने शिक्षिकों से अपील की कि वे बच्चों को इन विषयों के बारे में शिक्षित करें। उन्हें गुड टच और बेड टच के बारे में बताएं। उन्हें बताएं कि अगर कोई उन्हें छूने की कोशिश करता है तो उन्हें क्या करना चाहिए। मैं सभी बच्चों से भी अपील करता हूं कि अगर आपके साथ कोई गलत होता है तो आप किसी विश्वसनीय व्यक्ति से बात करें या आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से भी कानूनी सहायता ले सकते हैं। उन्होंने साइबर क्राईम एवं बचाव विषय पर भी जानकारी दी उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों की गंभीरता और आईटी एक्ट के तहत इन अपराधों के लिए दंड भी दिया जाता है। उन्होंने साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और लोगों को इन अपराधों से बचने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय करने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। शिविर में अधिवक्ता विश्वास शाह ने अपने संबोधन में बच्चों को मोटरयान अधिनियम, बाल-विवाह, शिक्षा का अधिकार, लीगल एड ंिडफेंस काउंसिल सिस्टम की जानकारी, संवैधानिक अधिकार जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। संबोधन की कड़ी में जूनियर सिस्टम एनालिस्ट मुकेश चैहान ने आईटी एक्ट एवं सायबर क्राईम के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ने हमारे जीवन में क्रांति ला दी है। हम अब इंटरनेट, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके लगभग हर चीज कर सकते हैं। हालांकि इस प्रौद्योगिकी का उपयोग अपराध करने के लिए भी किया जा सकता है। साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जो कंप्यूटर, इंटरनेट या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करके किया जाता है। इसमें धोखाधड़ी, हैकिंग, साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग और अन्य अपराध शामिल हैं। भारत में साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए आईटी एक्ट, 2000 बनाया गया था। यह कानून साइबर क्राइम की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करता है और इसके लिए कठोर सजा का प्रावधान करता है। मैं यहां उपस्थित सभी छात्रों से अनुरोध करता हूं कि वे साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ने में सरकार का सहयोग करें। आप अपने आसपास के लोगों को साइबर अपराधों के बारे में जागरूक कर सकते हैं। आप साइबर सुरक्षा उपाय अपनाकर खुद को साइबर अपराधों से बचा सकते हैं और आप साइबर अपराधों की रिपोर्ट पुलिस को कर सकते हैं। उक्त शिविर का संचालन शिक्षिका चन्द्रिका अत्रे ने किया एवं आभार स्कूल प्राचार्य सेंटियागो जोन ने माना। शिविर में स्कूल शिक्षक शिक्षिका एवं बड़ी संख्या में छात्र/छात्राऐं उपस्थित रहें।

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