मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा एक शाम संविधान के नाम
1 min readजिला जेल झाबुआ में सदभावना पूर्वक आयोजित किया सांस्कृतिक कार्यक्रम
झाबुआ राष्ट्रीय मानव अधिकार सामाजिक स्वतंत्र न्याय द्वारा भारत के राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक शाम संविधान के नाम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम जिला जेल झाबुआ में हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई समाज के सामाजिक धर्मगुरु की उपस्थिति एवं आदिवासी लोकगीत कलाकार अर्जुन आर मेंडा द्वारा राष्ट्रीय गीतों की प्रस्तुति देकर आयोजित किया गया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आर्य बिशप डा लियो कारनोलिया डॉक्टर कृष्ण किशोर त्रिवेदी बलवीर सिंह सोहेल एवं मौलाना सद्दाम हुसैन गुल्ला डामोर अपने संयुक्त प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि हम सभी को मिलकर देश की एकता अखंडता को बनाए रखने के लिए भारत के संविधान की रक्षा करते हुए अपने कर्तव्य का पालन पूरी ईमानदारी निष्ठा के साथ करना चाहिए जिससे देश और अधिक विकास की उन्नति पर आगे बढ़े कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुल डेविड ने चारों धर्मगुरुओं के साथ मिलकर पुलिस अधीक्षक झाबुआ जेल जेल अधीक्षक दृष्टांत कुमार पगारे जेलर राजेश विश्वकर्मा को भारतीय संविधान की उद्देशिका देकर अपने उद्बोधन में बताया कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिंदी है हम वतन के हिंदुस्तान हमारा सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा जैसी उपलब्धियों उपलब्धियों पर हम सभी गोर आमंत्रित होते हुए गणतंत्र के इस राष्ट्रीय पर्व को बनाने से कोई भी व्यक्ति वंचित ना इसका विशेष ध्यान रखते हुए जिला जेल झाबुआ में बंदियों के बीच चारों धर्म के सामाजिक धर्मगुरु की उपस्थिति आदिवासी लोकगीत कलाकार अर्जुन आर मेडा द्वारा राष्ट्रीय गीत की प्रस्तुति के साथ एक शाम शहीदों के नाम सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया जिसमें जेल के सभी बंधुओं ने राष्ट्रीय गीतों की धुन पर उत्साह के साथ नाचते हुए गणतंत्र दिवस का पर्व मनाया कार्यक्रम में अतिथियों का आभार जेल अधीक्षक दृष्टांत कुमार ने माना उक्त जानकारी जिला संयोजक दिलीप प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया।